आस लिए प्रभु मैं आता तेरे द्वार
तेरे मंदिर में वास करूँ
तेरे चरण में तेरी शरण में
आत्मिक शांति मैं पाऊँ (2)
आस लिए प्रभु मैं आता तेरे द्वार
आता तेरे द्वार
प्रभु ही मेरी ज्योति और मुक्ति है (2 )
दुखियों का सहारा है
1-4. रहम करो नाथ पास बुलाओ ।
दुःख और सुख में प्रभु ही मेरा रक्षक है (2)
दुखियों का दिलासा है
प्रेम और शांति तुझ से ही हम पाते हैं (2)
आत्मा मेरी तरसती है