सृष्टि के ऐ सृजनहार, तेरी महिमा अपार (2)
तूने बनायी ये दुनिया, तूने बनाया जल-थल-नभ (2)
आदि और अंत भी तू है, जीवन का दाता भी तू
सृष्टि के कण-कण में तू रहता, मेरे जीवन में भी तू (2)
तू सृजनहार तू पालनहार, तू मेरे जीवन का आधार (2)
सूरज-चाँद-तारों में, दिखती है तेरी गरिमा
वन उपवन में पंक्षी भी गाते हैं तेरी महिमा (2)
तू है महान, तू कृपावान, जग में गूंजे तेरा ही नाम (2)